6 मौलिक अधिकार कौन-कौन से हैं
समता या समानता का अधिकार अनुच्छेद 14-18 मौलिक अधिकार अनुच्छेद
अनुच्छेद 14;विधि के समक्ष समानता विधि के समझ व्यक्ति समान होगा इसका अर्थ है यह है कि राज्य सभी व्यक्तियों के लिए एक समान कानून बनायेगा तथा उन पर एक समान लागू करेग
अपवाद राष्ट्रपति कार्यकाल अनुच्छेद 361 इनके कार्यकाल के दौरान कोई भी फौजदारी मामला नहीं चलेगा दीवाने मामले के लिए 2 माह पूर्व नोटिस दिया जाएगा
संसद के सदस्य संसद की कार्यवाही में मत डाल उन पर कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा
विदेशी राजदूत कूटनीतिक के खिलाफ कोई भी कानून मामला दर्ज नहीं होता है
अनुच्छेद 15(i )राज्य किसी भी नागरिक के साथ धर्म जाति लिंग मूलबंश जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा
अनुच्छेद 15(ii ) किसी भी नागरिक के साथ धर्म जाति लिंग मूलबंश जन्म स्थान के आधार पर राज्य एवं व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर भेदभाव नहीं करेगा
अनुच्छेद 15 (iii )महिला और बच्चे के लिए विशेष प्रावधान बना सकता है
अनुच्छेद 15(4 ) इसे प्रथम संविधान संशोधन 1951 द्वारा जोड़ा गया राज्य सामाजिक शैक्षणिक रूप से पिछड़े एससी एसटी के लिए विशेष प्रावधान कर सकेगा
अनुच्छेद 15(5 ) उच्च शिक्षण संस्थान में भी सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग एससी एसटी के लिए विशेष छूट का प्रावधान कर सकता है इसे संविधान संशोधन 93 वे 2005 में इसे 2006 में लागू किया गया
अनुच्छेद 16(1 ) राज्य के अधीन रोजगार एवं नियुक्ति में नागरिकों को अवसर की समानता
अनुच्छेद 16(2 ) राज्य किसी भी नागरिक के साथ नियुक्ति एवं रोजगार में धर्म जाति मूल वंश लिंग जन्म स्थान निवास उद्भभव के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा
अनुच्छेद 16(3 ) संसद किसी भी राज्य के नागरिकों के लिए निवास के आधार पर रोजगार में विशेष प्रावधान बना सकता है
अनुच्छेद 16 (4 )राज सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े एससी एसटी का विशेष प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है तो उसे विशेष प्रवधान कर सकता है
इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार= 1992 S.C कहा OBC 27% वैध आर्थिक रूप से पिछड़े दस परसेंट आरक्षण असंवैधानिक अनुच्छेद 16 का उल्लंघन के कारण
आरक्षण 50% से अधिक नहीं होगा
प्रोन्नति में आरक्षण नहीं होगा
क्रीमी लेयर को भी आरक्षण नहीं
इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के बाद भारत सरकार के कहा भी क्रीमी लेयर लोग कौन हैं क्रीमी लेयर की पहचान के लिए गठन
रामनंदन आयोग 1993 रिपोर्ट क्रीमी लेयर लोगों को बताया
UPSC ,SC,HC, जज AB,AGRAIP कर्नल से ऊपर सविधनिक का पद
अनुछेद 16 (4 )44 वा संविधान संशोधन 1995 सरकार ने कहा एससी एसटी का प्रतिनिधित्व सेवाओं में पर्याप्त नहीं है तो प्रोन्नति में आरक्षण दिया जा सकता है
76 वाँ संविधान संशोधन 1994
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तमिलनाडु 69% आरक्षण दिया =9 वी अनुसूची में डाला
अनुच्छेद 16(5) धार्मिक संस्था पर किसी पद पर नियुक्ति होनी है तो इसी विशेष धर्म की व्यक्ति के लिए प्रावधान
103 वां संविधान संशोधन 2019 सामान्य वर्ग की आर्थिक दृष्टि से पहले हुए लोगों को शिक्षण संस्थानों व सरकारी नौकरियों में 1% आरक्षण देने हेतु जनवरी 2019 में संविधान का 124 वां संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया गया
इसी के माध्यम से अनुच्छेद 15 (6) 16(6) से जोड़ा गया
आरक्षण(reservation)
O.B.C | 27% |
ST | 7.5% |
SC | 15% |
General | 10% |
Total | 49.5% |
अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत आस्था के उन्यूलन लिए इसे दंडनीय अपराध घोषित किया गया
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 इसे 1976 में लाया गया सार्वजनिक स्थान पर आस्था का व्यवहार करने पर छह माह की सजा
SC-ST अधिनियम 1989 -एससी एसटी से आ सकता करने पर व्यक्ति को दंडित किया जाएगा
अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत सेना तथा शिक्षा संबंधित सामान सम्मान के सिवाय अन्य कोई भी उपाधि राज्य द्वारा प्रदान नहीं की जाएगी
भारत का कोई नागरिक किसी अन्य देश से बिना राष्ट्रपति की आज्ञा के कोई अधिकार नहीं कर सकता है
नोट -भारत सरकार द्वारा भारत रत्न पदम भूषण पदम पदमश्री एव सेना द्वारा परमवीर चक्र महावीर चक्र वीरचक्र आदि पुरस्कार अनुच्छेद 18 के तहत दिए जाते हैं
स्वतंत्रता का अधिकार 19 to 22
अनुच्छेद-19(1)(a) भाषण एव अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रेम चुप रहने जाने की स्वतंत्रता
राज्य प्रतिबंध राज्य की एकता और संप्रभुता राज्य की सुरक्षा विदेशी राज्यों से मित्र संबंध सार्वजनिक आदेश नैतिकता की स्थापना न्यायालय कीअवमानना मानहानि किसी अपराध में अनुच्छेद 19(2)
अनुच्छेद 19 (1)(b) शांतिपूर्वक बिना हथियारों के एकत्रित होने और सभा करने की स्वतंत्रता प्रतिबंध राज्य की संप्रभुता व अखंडता सार्वजनिक आदेश यातायात नियंत्रण में अनुच्छेद 19 (3)
अनुच्छेद 19-1 (c) संघ बनने की स्वतंत्रता प्रतिबंध भारत की एकता और संप्रभुता सार्वजनिक उद्देश्य नैतिकता अनुच्छेद 19 (4)
अनुच्छेद 19-1(d) में देश के किसी भी क्षेत्र में आवागमन की स्वतंत्रता प्रतिबंध आम लोगों की सुरक्षा या हित अनुच्छेद 19(5)
अनुच्छेद19 -1(e) देश के किसी भी क्षेत्र में निवास करने और बसने की स्वतंत्रता
प्रतिबंध अनुच्छेद 19 (5)
नोट- अनुच्छेद 19 -1 (f) को संपत्ति के अधिकार को 44 वे संविधान संशोधन 1978 में स्वतंत्रता के अधिकार से हटा दिया गया तथा अनुच्छेद 300 (a)में कानूनी अधिकार बना कर दिया गया
अनुच्छेद 19(g ) कोई भी व्यापार एवं जीविका चलाने की स्वतंत्रता
प्रतिबंध व्यवसाय के लिए पेश गत या तकनीकी को जरूरी होना ही चाहिए इसी व्यापार व्यवसाय उद्योग या सेवा को पूर्ण या आंशिक रूप से स्वयं जारी रख सकता है अनुच्छेद 19(6)
अनुच्छेद 20 =अपराध के लिए दो सिद्धि के संबंध में संरक्षण
20 (1) किसी भी व्यक्ति को एक अपराध के लिए सिर्फ एक बार सजा मिलेगी
2(2) अपराध करने के समय जो कानून है उसी के तहत सजा मिलेगी ना कि पहले और बाद में बनने वाले कानून के तहत
20(3) किसी भी व्यक्ति को स्वयं के विरुद्ध न्यायालय में गवाही देने के लिए बाध्य नहीं जाएगा
अनुच्छेद 21 प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयकितक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है
विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया विधायिका से नियम बनाकर वचित कर सकती है
विधायिका ब्रिटेन से नियम
मेनिका गांधी बनाम भारत सरकार 1978 सुप्रीम कोर्ट विदेश जाने का अधिकार अनुच्छेद 21
राजगोपाल बनाम तमिलनाडु 1994 सुप्रीम कोर्ट एकता का अधिकार अनुच्छेद 21
शिक्षा का अधिकार अनुच्छेद 21(a ) 86 वा संविधान संशोधन 2002 ,6 से 14 वर्ष के बच्चों को फ्री शिक्षा एक अप्रैल 2010 से लागू
शादी करने का अधिकार मौलिक अधिकार अनुच्छेद 12 35
अनुच्छेद 22 कुछ दशाओ में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
अनुच्छेद 22(a) दंडात्मक निरोध अपराध करने के बाद गिरफ्तारी व्यक्ति
गिरफ्तारी का कारण बताना होगा
वकील करने का अधिकार होगा मौलिक अधिकार अनुच्छेद 12 35
24 घंटे के अंदर उसे दंडकारी के समक्ष पेश करना होगा
आने-जाने के समय छोड़कर
अनुच्छेद 22(b ) निवारक निरोध अपराध करने से पहले गिरफ्तारी 3 महीने से अधिक नहीं रखा जा सकता है न्यायाधीशों की सलाह पर बढ़ाया जा सकता है
शोषण के विरुद्ध अधिकार अनुच्छेद 23 ,24
अनुच्छेद 23 मानव के दुव्र्यापार और बलात श्रम का प्रतिरोध
इसकी द्वारा किसी व्यक्ति की खरीद बिक्री बेगारी तथा इसी प्रकार का अन्य जबरदस्ती लिया हुआ निषेध ठहराया गया है
अपवाद जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सेवा करने के लिए बाध्य किया जा सकता है
अनुच्छेद 24 बाल मजदूरी का प्रतिषेद मौलिक अधिकार अनुच्छेद 12 35
संसद द्वारा 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के जोखिम पूर्ण कार्यों में प्रतिबंध हेतु बनाए गए कानून कारखाना अधिनियम 1948 अधिनियम 1952 बाल श्रम प्रतिरोध अधिनियम 1986 इसमें संशोधन 2016
बाल श्रम एवं किशोर श्रम निषेध
14 वर्ष की किसी भी कार्य मजदूरी मना
14 -18 खतरनाक कार्य मना है
6 माह से 2 वर्ष तक सजा 20000 से 50000 हजार तक जुर्माना
मौलिक अधिकार अनुच्छेद 12 से 35
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 -28
अनुच्छेद 25 अंतकरण की और धर्म की आबंध रूप से मानने आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को मना करता है और उसका प्रचार प्रसार कर सकता है व्यक्तियों को प्राप्त सरकार प्रतिबंध लगा सकता है
अनुच्छेद 26 धार्मिक कार्यों की प्रबंध करने की स्वतंत्रता मौलिक अधिकार अनुच्छेद 12 35
धार्मिक संप्रदाय सुप्रीम कोर्ट 1982
विशेष धर्म में विश्वास करने वाले व्यक्तियों को का समूह इनका संगठन होना चाहिए इन का विशिष्ट नाम होना चाहिए जैसे रामकृष्ण मिशन आनंद मार्ग
अनुच्छेद 27 धार्मिक आधार पर कर आरोपित करने का निषेध
राज्य किसी भी व्यक्ति को ऐसे कार्य करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता जिसका जिसकी आय किसी भी जिस किसी विशेष धर्म अथवा धार्मिक संप्रदाय की उन्नति या पोषण में ब्याय करने के लिए विशेष रूप से निश्चित कर दी जाती है
टैक्स बिना किसी सेवा के अनिवार्य धन वसूली
FEE सेवा के बदले वसूली
अनुच्छेद 28 शिक्षिक संस्थाओं में किसी धार्मिक समारोह में भाग लेने की स्वतंत्रता मौलिक अधिकार अनुच्छेद 12 35
सरकारी स्कूलों में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी कि कोई बात ऐसी शिक्षा संस्था पर लागू नहीं होगी जिनका प्रशासन राज करता है जिंदगी अनुसार शिक्षा संस्थान में धार्मिक शिक्षा देना आवश्यक है
अनुच्छेद 28 (3 )राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीति द्वारा सहायता प्राप्त संस्था में शामिल होने होने किसी भी व्यक्ति को धार्मिक शिक्षा में भाग लेना लेने उपासना करने हेतु बाध्य नहीं किया जाएगा जब तक वह स्वय वयस्क या होने पर उसके संरक्षक सहमति ना दे दे
6 मौलिक अधिकार कौन-कौन से हैं
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार अनुच्छेद 29, 30
अनुच्छेद- 29 –अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
अनुच्छेद 29(1) भारत के प्रत्येक नागरिक जिसकी अपनी विशिष्ट भाषा लिपि संस्कृति है उसे बनाए रखने का अधिकार होगा
अनुच्छेद 29 (2) राज्य द्वारा पोषित या राज्य विधि द्वारा सहायता प्राप्त किसे शिक्षा संस्था में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म मूल वंश जाति के आधार पर वंचित नहीं किया जाएगा
अनुच्छेद 30 शिक्षा संस्थाओं की स्थापना एवं प्रशासन करने का अल्पसंख्यकों का अधिकार मौलिक अधिकार अनुच्छेद 12 35
अनुच्छेद 30(1) धर्म या भाषा पर आधारित अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी रूचि के अनुसार शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा मौलिक अधिकार अनुच्छेद 12 35
अनुच्छेद 30-1(A )44 वा संविधान संशोधन 1978 में जोड़ा गया जब राज्य के अल्पसंख्यक संप्रदाय की संपत्ति को ग्रहण करेगा तो राज्य को उच्च शिक्षण संस्थान का मुआवजा देना होगा शिक्षा पर आधारित किसी संख्या के आधार पर नहीं करेगा
अनुच्छेद 31: संपत्ति का अधिकार =मूल अधिकार से हटा दिया संविधान संशोधन द्वारा हटा दिया मौलिक अधिकार अनुच्छेद 12 35
अनुच्छेद 300 (A)विधिक कानूनी अधिकार बना दिया HC,SC सीधे नहीं जा सकते
संवैधानिक अधिकार का अधिकार अनुच्छेद -32
6 मौलिक अधिकार कौन-कौन से हैं
रिट अधिकारिता
1. बंदी प्रत्यक्षीकरण =उस व्यक्ति को प्रार्थना पर जारी किया जाता है जो यह समझता है कि उसे अवैध रूप से बंदी बनाया गया इसके द्वारा न्यायालय पंजीकरण करने वाले अधिकारी को आदेश देता है कि वह बंदी बनाए जय अधिकारों को निश्चित स्थान पर निश्चित समय के अंदर पेश करो का प्रयोग जेल में किए गए सुरक्षा के लिए भी किया जा सकता है इसके लिए व्यक्ति के संबंधित व्यक्ति जा सकते हैं
2. परमादेश =परमादेश उस समय जारी किया जाता है जब कोई भी पदक पदाधिकारी अपने सर्वाधिक कर्तव्य निर्वाह नहीं करता है अधिकारी को कर्तव्य पालन करने का आदेश जारी किया जाता है
परमादेश का पुजारी नहीं किया जाता है मौलिक अधिकार अनुच्छेद
1. यदि संबंधित अधिकारी का कर्तव्य केवल व्यक्तिगत
2. निर्णय पर आधारित है
3. निजी व्यक्ति संस्थाओं के विरुद्ध
4. संविदात्मक कर्तव्यों की पालना के लिए नहीं
5. ऐसे व्यक्ति जो गैर संवैधानिक हैं
6. भारत के राष्ट्रपति या राज्यपाल
7. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जो न्याय क्षमता में कार्यरत हैं
अधिकार पृच्छा = इसका अर्थ अर्थ है अपना अधिक प्राधिकार क्या है जब कोई व्यक्ति ऐसे पदाधिकारी के रूप में कार्य करने लगा है जिस के रूप में कार्य करने का उसे वैधानिक रूप से अधिकार नहीं है तो न्यायालय अधिकार पृच्छा के आदेश के द्वारा उस व्यक्ति से पूछता है कि वह किस अधिकार से कार्य कर रहा है जब तक इस बात का संतोषजनक उत्तर नहीं देता वह कार्य नहीं कर सकता है
प्रतिषेध= इसका शाब्दिक अर्थ है रोकना यह आज्ञा पत्र सर्वोच्च न्यायालय का उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालयों बा अर्द्धन्यायिक न्यायाधिकरणों को जारी करते हुए आदेश दिया जाता है कि इस मामले में अपने यहां कार्यवाही ना करें क्योंकि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर हैं
उत्प्रेषण =इसका अर्थ है प्राथमिक प्रमाणित होना यह सूचना देना इसके द्वारा अधीनस्थ न्यायालय को यह निर्देश दिया जाता है कि वह अपने पास लंबित मुकदमों को न्याय निर्णय के लिए उसे भ्रष्ट न्यायालय को भेजें उत्प्रेषण निवारक सहायक दोनों तरह का है
6 मौलिक अधिकार कौन-कौन से हैं
प्रतिषेध व उत्प्रेरण में अंतर मौलिक अधिकार अनुच्छेद
दोनों रिटे न्यायिक प्रकृति की हैं प्रतिषेद में वरिष्ठ न्यायालय अधीनस्थ न्यायालय को उन कार्यवाहियो को आगे बढ़ाने से रोक सकता है उत्तप्रेषण में अधीनस्थ न्यायालय सुनवाई पूरी कर चुका है या निर्णय दे चुका है तो उक्त कार्यवाहियो को रद्द करना है प्रतिषेध का उद्देश्य नायक दृष्टि रोकना है सुधारना नहींउत्तप्रेषण में का उद्देश्य से तुष्टि को सुधारना है
अनुच्छेद 33 सेना की कार्मचरियो को मूल अधिकार प्राप्त नहीं होंगे या और उनकी अधिकार पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं
अनुछेद34 -जिस क्षेत्र में मार्शल सैन्य कानून लागू होगा वहां के लोगों की मूल अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है
अनुच्छेद 35- जो भी मूल अधिकार संबंधी नियम बनेंगे उन्हें बनाने का अधिकार सिर्फ संसद को होगा राज्य विधानमंडल को नहीं
6 मौलिक अधिकार कौन-कौन से हैं
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6 मौलिक अधिकार कौन-कौन से हैं