राज्य के नीति निर्देशक तत्व अनुच्छेद 36 से 51
Directive Principles of State Policy Articles 36 to 51
अनुच्छेद 36 नीति निर्देशक तत्वों के संदर्भ में राज्य की परिभाषा
अनुच्छेद 37 नीति निर्देशक तत्वों को न्यायालय द्वारा परिवर्तनीय नहीं है विधि बनाने में इन सिद्धांतों को लागू करना राज्य की इच्छा पर लागू करेगा
अनुच्छेद 38(1 ) सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय से परिपूर्ण व्यवस्था की स्थापना हो सके
2 आय प्रतिष्ठा सुविधाओं तथा अवसरों की असमानता ओं को समाप्त करने का प्रयास करना
अनुच्छेद 39 (क) पुरुषों और स्त्री सभी नागरिकों को आजीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार
(ख ) समुदाय के भौतिक संसाधनों का उचित वितरण
(ग़ )उत्पादन के साधन का समान वितरण
(ड ) पुरुष और स्त्री कर्मकारों के स्वस्थ और शक्ति का तथा बालकों की सुकुमार अवस्था का दुरुपयोग ना हो और आवश्यकता से विवश होकर नागरिकों को ऐसे रोजगार ओं में ना जाना पड़े जो उनकी आया शक्ति के अनुकूल ना हो
(क )a समान अवसरों के आधार पर न्याय देने की निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराना ताकि गरीबों को अन्याय का सामना ना करना पड़े 42 वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा
(ध )स्त्री और पुरुषों के लिए समान कार्य के लिए समान वेतन
अनुच्छेद 43 कर्मचारियों को निर्भय मजदूरी एवं कुटीर उद्योगों का विकास
अनुच्छेद 43 (a )उद्योगों के प्रबंध में मजदूरों की भागीदारी के लिए उपयुक्त विधान बनाना 42 वे संविधान संशोधन 1976 द्वारा जोड़ा
अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों का संगठन करना तथा उन्हें शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने हेतु शक्तियों का अधिकार प्राधिकार देना
अनुच्छेद 41 कुछ दशओ में जैसे बुढापा बेरोजगारी बीमारी अशक्तता आदि की दिशा में काम शिक्षा और लोग सहायता पाने का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रभावित प्रवधान करेगा
अनुच्छेद42 कार्य की न्यायसंगत और मानवीय दशायो तथा मृतक सुरक्षा हेतु सहायता का उपबंध करेगा
अनुच्छेद 43 (b) सरकारी समितियों का उन्नयन 92 संशोधन 2011 द्वारा
अनुच्छेद 44 नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास करना विवाह तलाक जायजाद
नोट- गोवा एक ऐसा राज्य जहां समान नागरिक संहिता लागू है
अनुच्छेद 45 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को शिक्षा तथा उनकी देखभाल
86 वा संविधान संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा जोड़ा
अनुच्छेद 46 एससी एसटी और अन्य दुर्बल वर्ग के शिक्षा और अर्थव्यवस्था संबंधी हेतु की अभिवृद्धि के बाद सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना
अनुच्छेद 46 लोगों के पोषाहार स्तर पर व जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य के सुधार को प्रथामिक कर्तव्य मानना तथा मादक पियो हानिकारक नशीले पदार्थों के सेवन का प्रतिबंध करने का प्रयास करना
अनुच्छेद 48 कृषि तथा पशुपालन का संगठन आधुनिक वैज्ञानिक प्रणालियों के अनुसार करना तथा गया पिछड़ा व अन्य सुधारक भाग पशुओं की नस्लों का परीक्षण और सुधार करना होगा उनके बाद का प्रतिषेध करने के लिए कदम उठाना
अनुच्छेद 48(a ) पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन तथा वन जीवो वनों की रक्षा का प्रयास करना
42 वे संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा जोड़ा
अनुच्छेद 49 राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण करना
अनुच्छेद 50 राज्य की लोक सेवाओं में कार्यपालिका से न्यायपालिका के पृथक्करण हेतु राज्य द्वारा कदम उठाना
अनुच्छेद 51 अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा की अभिवृद्धि राष्ट्रों के बीच न्याय संगत व सम्मान पूर्ण संबंधों तथा अंतरराष्ट्रीय विवादों को मध्यस्थता से निपटने के लिए प्रोत्साहन देने का प्रयास करना
मूल अधिकार | नीति निर्देशक तत्व |
यह व्यक्ति को दिया गया अधिकार है | यह राज्यों को शॉप पर गए दायित्व है |
इसके लिए न्यायालय जा सकते हैं | न्यायालय नहीं जा सकते |
इसके पीछे कानूनी मान्यता है | इनके पीछे राजनीतिक मान्यता है |
यह नागरिकों को स्वत प्राप्त हो जाते हैं | यहां राज्य सरकार द्वारा लागू करने पर ही नागरिकों को प्राप्त होते हैं |
मूल अधिकारों को संविधान का विशेष सरक्षण प्राप्त है | नीति निर्देशक तत्व को लागू करना नैतिकता पर आधारित है विशेष आरक्षण प्राप्त नहीं |
अनुच्छेद 32 सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 226 हाई कोर्ट जा सकते हैं |
राज्य के नीति निर्देशक तत्व
महत्वपूर्ण तथ्य
राज्यों के नीति निर्देशक तत्व का वर्णन संविधान के भाग 4 में अनुच्छेद 36 से 51 तक किया गया है
इन्हें आयरलैंड के संविधान से लिया गया है (आयरलैंड ने स्पेन से लिया)
इसे न्यायालय द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है
नीति निर्देशक तत्व को संविधान में शामिल करने का उद्देश्य सामाजिक व आर्थिक प्रजातंत्र की स्थापना करना है
K.T शाह नीति निर्देशक तत्व एक ऐसे चेक हैं जो बैंक की सुविधा अनुसार अदा की जाएगी
ग्रेनविल नीति निर्देशक तत्व संविधान की आत्मा है जो संविधान की सामाजिक दर्शन को समाविष्ट करते हैं
इन्हें आयरलैंड के संविधान के अनुच्छेद 45 से दिया गया है
राज्य के नीति निर्देशक तत्व
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राज्य के नीति निर्देशक तत्व
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